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बाबू महीपति सिंह महाविद्यालय,तिलोई,अमेठी
प्राचीन भारतीय शास्त्रों में शिक्षा को सर्वश्रेष्ठ धन स्वीकार किया गया है। शिक्षा रूपी दीप के प्रज्ज्वलन से व्यक्ति के अंतस मन में विद्यमान तम नष्ट होता है, और उसमें अन्तर्निहित प्रवृत्तियों का विकास व परिमार्जन होता है। शिक्षा का अन्तिम उद्देश्य एक सुयोग्य नागरिक का निर्माण करना है जो समाज व राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे व उसे उन्नति के उत्तुंग शिखर का स्पर्ष करा सके।
स्थापित महाविद्यालय अमेठी जनपद के एक ऐतिहासिक स्थल तिलोई में स्थित है, जो तहसील मुख्यालय (मोहनगंज) के सन्निकट मात्र 2 किलोमीटर की दुरी पर इन्हौना मोहनगंज मार्ग पर अवस्थित है।
स्थापित महाविद्यालय के सन्निकट ही तिलोई राजभवन स्थित है जो अपनी प्राचीनता व वैभव के लिए विख्यात है।
यह महाविद्यालय इस ग्रामीणांचल के लिए वरदान स्वरूप है जो क्षेत्रीय छात्र/छात्राओं को उत्तम व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान के लिए कृतसंकल्पित है। महाविद्यालय के सुयोग्य, अनुभवी, एवं चरित्रवान प्राध्यापको द्वारा बालक/बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है, जिससे वे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार हो तथा उनका भविष्य उज्ज्वल हो।
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